सावन शिवरात्रि 2024: तिथि और समय 2024 में, सावन शिवरात्रि 2 अगस्त, शुक्रवार को पड़ने की उम्मीद है। द्रिक पंचांग के अनुसार शुभ समय इस प्रकार हैं: निशिता काल पूजा का समय: 00:05 पूर्वाह्न से 00:51 पूर्वाह्न, 3 अगस्त 2024।
सावन शिवरात्रि 2024: महादेव की पूजा और जलाभिषेक की विधि
सावन शिवरात्रि का पावन पर्व आज 2 अगस्त को मनाया जा रहा है। सावन माह में पड़ने वाली यह शिवरात्रि भगवान शंकर की पूजा के लिए विशेष महत्वपूर्ण मानी जाती है। शिव भक्तों के लिए यह दिन बहुत शुभ होता है, क्योंकि इस दिन शिवलिंग का अभिषेक कर भगवान महादेव की पूजा करने से मनोवांछित फल और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।
सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण
इस खास दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है. यह योग आज सुबह 10:59 बजे शुरू होगा और 3 अगस्त को सुबह 6:02 बजे समाप्त होगा. इस शुभ अवधि के दौरान भगवान शिव की पूजा करने से जीवन में प्रगति और सफलता मिलने की संभावना है। इस दिन व्रत रखने का भी विशेष महत्व है, जो लोग श्रद्धापूर्वक इस व्रत को करते हैं उन्हें भगवान महादेव की कृपा प्राप्त होती है।
कांवड़ यात्रा का समापन
22 जुलाई से शुरू हुई कांवर यात्रा का समापन भी आज सावन शिवरात्रि के पावन दिन पर हो रहा है. इस यात्रा के दौरान भक्त गंगा नदी से जल लाते हैं और उसे शिवलिंग पर चढ़ाते हैं। इस दौरान महादेव की पूजा करने से यात्रा पूर्ण फलदायी होती है। कुछ लोग मंदिर जाकर पूजा करते हैं तो कुछ लोग घर पर ही शिव लिंग की पूजा करते हैं।
मान्यता है कि जब इस सामग्री से भगवान शंकर की पूजा की जाती है तो वे प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
जलाभिषेक विधि
सावन शिवरात्रि पर यदि आप महादेव का जलाभिषेक करना चाहते हैं, तो निम्नलिखित विधि का पालन करें:
- सावन शिवरात्रि पर यदि आप महादेव का जलाभिषेक करना चाहते हैं, तो निम्नलिखित विधि का पालन करें:
- सबसे पहले शिवलिंग का दूध, दही, शहद, घी, शक्कर और गन्ने के रस से अभिषेक करें।
- इसके बाद एक लोटे में गंगाजल लें और उसमें काला तिल मिलाकर रखें।
- शिव जी के मंत्रों का जाप करते हुए इस जल को शिवलिंग पर अर्पित करें।
- इसके बाद फूल, फल और मिठाई आदि चीजों को शिवलिंग पर अर्पित करें।
- अंत में आटे का चौमुखी दीपक जलाकर महादेव की आरती करें।
महादेव की पूजा का महत्व : सावन शिवरात्रि 2024
सावन शिवरात्रि 2024: सावन शिवरात्रि के दिन भगवान महादेव की पूजा करने से भक्तों को कई लाभ मिलते हैं। इस दिन पूजा करने से न केवल मानसिक शांति और संतुष्टि मिलती है बल्कि पारिवारिक सुख-समृद्धि भी बढ़ती है। महादेव की कृपा से जीवन की कठिनाइयां दूर हो जाती हैं और भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
उपवास का महत्व
सावन शिवरात्रि 2024: सावन शिवरात्रि के व्रत का भी विशेष महत्व है। इस दिन व्रत करने से तन और मन दोनों शुद्ध होते हैं। भक्त पूरे दिन उपवास रखते हैं और रात में भगवान शंकर की पूजा करते हैं। इस दिन व्रत करने से अनंत फल मिलता है और भगवान शंकर की कृपा से जीवन की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
सावन शिवरात्रि की कहानियाँ
सावन शिवरात्रि से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं भी प्रचलित हैं। कहा जाता है कि इसी दिन भगवान शिव ने माता पार्वती से विवाह किया था। एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार, इस दिन भगवान शिव ने जहर पीया था और दुनिया को विनाश से बचाया था। इन कथाओं का महत्व यह है कि भगवान शंकर की पूजा और जलाभिषेक करने से सभी भक्तों को महादेव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
महादेव पूजन विधि
सावन शिवरात्रि 2024: महादेव की पूजा करने के लिए सबसे पहले स्नान करके साफ कपड़े पहनने चाहिए। शिवलिंग पर जलाभिषेक के लिए गंगा जल, दूध, दही, शहद, घी और गन्ने के रस का उपयोग करना चाहिए। इसके बाद बेलपत्र, धतूरा, भांग, सफेद चंदन और फूल चढ़ाएं। शिव मंत्रों का जाप करते हुए रोशनी और धूप जलानी चाहिए। पंचामृत से अभिषेक करें और अंत में भगवान शंकर की आरती करें। पूजा के बाद प्रसाद बांटें और अपने परिवार की सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना करें। महादेव की कृपा से जीवन में शांति और सफलता मिलती है।
रुद्राभिषेक विधि
रुद्राभिषेक करने के लिए सबसे पहले जल, दूध, दही, घी, शहद, चीनी और गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करें। इसके बाद रुद्राभिषेक मंत्र का जाप करते हुए शिवलिंग पर चावल चढ़ाएं। इस समय फूल, बेलपत्र, धतूरा और भांग भी चढ़ाएं। रुद्राभिषेक पूरा करने के बाद शिवलिंग की आरती करते हुए शंख बजाएं।
सावन शिवरात्रि के शुभ मुहूर्त : सावन शिवरात्रि 2024
इस पवित्र दिन पर भगवान शिव की पूजा के लिए विभिन्न मुहूर्त होते हैं:
- ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:31 बजे से 5:15 बजे तक
- विजय मुहूर्त: दोपहर 2:45 बजे से 3:37 बजे तक
- गोधूलि मुहूर्त: शाम 7:08 बजे से 8:13 बजे तक
- निशिता मुहूर्त: रात 12:12 बजे से 12:55 बजे तक
- सर्वार्थ सिद्धि योग: 2 अगस्त 2024 सुबह 10:59 बजे से 3 अगस्त 2024 को सुबह 6:02 बजे तक
- सावन शिवरात्रि पूजा सामग्री
- भगवान शिव की पूजा में निम्नलिखित सामग्री का उपयोग करें:
- बेलपत्र: शिवलिंग पर अर्पित करने के लिए
- धतूरा और भांग: भगवान शिव को प्रिय होने के कारण
- बेर: पूजा सामग्री के रूप में
- गुलाल और सफेद चंदन: तिलक और श्रृंगार के लिए
- दूध, दही, घी, शहद, शक्कर: अभिषेक के लिए
- गन्ने का रस और गंगाजल: अभिषेक में उपयोग करें
- कपूर, धूप, दीप, रूई: आरती के लिए
- पंच फल, श्रृंगार की सामग्री: महादेव को प्रसन्न करने के लिए
जलाभिषेक विधि
सावन शिवरात्रि पर जलाभिषेक के लिए सबसे पहले दूध, दही, शहद, घी, चीनी और गन्ने के रस से शिवलिंग का अभिषेक करें। इसके बाद एक कटोरी में गंगा जल लें और उसमें काले तिल डालें। इस जल को भगवान शिव के मंत्र का जाप करते हुए शिवलिंग पर चढ़ाना चाहिए। फिर फूल, फल, मिठाई आदि चढ़ाएं। अंत में आटे का चौमुखा दीपक जलाकर महादेव की आरती करनी चाहिए।
सावन शिवरात्रि की महत्ता
सावन शिवरात्रि 2024: सावन शिवरात्रि का दिन भगवान शंकर की पूजा का विशेष अवसर होता है। भक्त इस दिन व्रत रखते हैं और महादेव का आशीर्वाद पाने के लिए रुद्राभिषेक और जलाभिषेक करते हैं। मान्यता है कि इस दिन पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और भगवान शंकर का आशीर्वाद मिलता है।
इस प्रकार, सावन शिवरात्रि पर रुद्राभिषेक और जलाभिषेक विधि का पालन करके, शुभ समय पर भगवान शंकर की पूजा करके और उचित पूजा सामग्री का उपयोग करके भगवान शिव को प्रसन्न किया जा सकता है।
निष्कर्ष
सावन शिवरात्रि 2024 का यह शुभ दिन शिव भक्तों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। भक्त महादेव की पूजा और जलाभिषेक विधि से अपनी मनोकामनाएं पूरी कर सकते हैं। इस दिन का हर पल महादेव की आराधना में बिताएं और उनका आशीर्वाद लें। इस सावन शिवरात्रि पर सभी भक्तों को मेरी हार्दिक शुभकामनाएँ। भगवान शिव की कृपा आप सभी पर बनी रहे। सर्वत्र शिव!